Hindi stories Can Be Fun For Anyone
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मोरल – जब आप किसी की सहायता करते हैं निर्दोष लोगों को परेशान नहीं करते तो प्रकृति भी आपकी सहायता करती है। जब आप प्रकृति का नुकसान पहुंचाते हैं तो प्रकृति भी आप को नुकसान पहुंचाती है, यह नुकसान दीर्घकालिक होता है।
मोरल – संत की संगति में दुर्जन भी सज्जन बन जाते हैं।
यह लोक कथा उस समय की है जब जानवर बोलते और नाचते थे। एक बार एक सुस्त पंखों वाला मोर रहता था
सुरीली और मृगनैनी की जान आज उसके परिवार ने बचा लिया था।
सिंहराज को वहां आता देख, सियारों के प्राण सूख गए।
जतनपुर में लोग बीमार हो रहे थे। डॉक्टर ने बीमारी का कारण मक्खी को बताया। जतनपुर के पास एक कूड़ेदान है। उस पर ढेर सारी मक्खियां रहती है। वह उड़कर सभी घरों में जाती, वहां रखा खाना गंदा कर देती। उस खाने को खाकर लोग बीमार हो रहे थे।
मां की करुणा के प्रहार से बड़ी से बड़ी शक्तियां पराजित हो जाती है। मां अपने बच्चे के लिए अपना जीवन भी दांव पर लगा देती है।
निलावंती एक श्रापित ग्रंथ की पूरी कहानी।
राजू दूसरी क्लास में पढ़ता है। उसकी मैडम ने मक्खियों के कारण फैलने वाले बीमारी को बताया।
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एक दिन जब बरसात तेज हो रही थी। तभी सुरीली के बच्चों को जोर से भूख लगने लगी। बच्चे खूब जोर से रोने लगे, इतना जोर की देखते-देखते सभी बच्चे रो रहे थे। सुरीली से अपने बच्चों के रोना अच्छा नहीं लग रहा था। वह उन्हें चुप करा रही थी, किंतु बच्चे भूख से तड़प रहे थे small hindi stories with moral इसलिए वह चुप नहीं हो रहे थे।
लड़की के विवाह योग्य आयु होने के सम्बन्ध में जितना भी झूठ बोला जा सकता है, उतना झूठ बोलने के बाद भी उसकी सीमा का अतिक्रमण किया जा चुका है और अब तो विवाह होने की आशा भी समाप्त हो चु...
चोर बस इतना ही कर के नहीं माने, उन्होंने सभी व्यापारियों को मस्ती के लिए नाचने और गाने के लिए कहा। अचानक व्यापारियों के नेता को एक विचार आया। उन्होंने अपनी गुप्त भाषा के जरिए खुद को बचाने की अपनी योजना बनायी। और फिर व्यापारियों ने चोरों को मुर्ख बना अपना सारा सामान भी वापिस ले लिया और अच्छा सबक भी सिखाया।
भुवाली की इस छोटी-सी कॉटेज में लेटा,लेटा मैं सामने के पहाड़ देखता हूँ। पानी-भरे, सूखे-सूखे बादलों के घेरे देखता हूँ। बिना आँखों के झटक-झटक जाती धुंध के निष्फल प्रयास देखता हूँ और फिर लेटे-लेटे अपने तन का पतझार देखता हूँ। सामने पहाड़ के रूखे हरियाले में कृष्णा सोबती